सांप काट ले तो खुल कर हंस लीजिये, ये हैं खुद को बचाने के तरीके

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यदि आपको कभी जंगल या खेत में सांप काट ले यह जानना आपके लिए जरूरी है। सांप के काटने पर जहर नहीं फैलता और न मौत होती है। कोई सांप काट ले तो मुस्कुराना शुरू कर दें और भागें बिल्कुल नहीं। इससे ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ेगा और जहर धीमे फैलेगा। दुनिया में मात्र कोबरा, रसैलवाइपर, सॉस्केल्ड वाइपर, करैथ, पिटवाइपर और किंग कोबरा में ही जहर होता है। जहरीले सांप के काटने की पहचान यही है वहां दो दांतों के निशान बन जाएंगे।

ये बातें किसी कहानी का हिस्सा नहीं, बल्कि यह वाइल्ड लाइफ मेडिसिन एंड मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इन दिनों कानपुर चिड़ियाघर में मथुरा वेटनरी यूनिवर्सिटी के 40 छात्र-छात्राएं वन्य जीवों के स्वभाव, मानव को लेकर उनकी प्रवृति, रेस्क्यू के तरीके की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसमें उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे वन्य जीव विशेषज्ञ खतरनाक जानवरों को रेस्क्यू के दौरान पकड़ते हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी इन छात्रों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।

जंगली जीव इंसान से छह गुना ज्यादा डरपोक
हर जानवर की अलग-अलग प्रवृति होती है पर एक बात समान है कि जंगली जीव इनसान से छह गुना अधिक डरपोक होते हैं। आपात स्थिति में व्यक्ति थोड़ी हिम्मत और धैर्य रखे तो हिंसक पशुओं से आसानी से बच सकता है। जैसे बंदर की आंख में आंख मिलाया तो वह हमला कर सकता है।

शेर चार वजहों से हमला करता है
शेर, बाघ व तेंदुआ चार खास वजहों से हमला करते हैं। पहला जब मादा अपने बच्चों के साथ हो, दूसरा अपने प्रभाव क्षेत्र में किसी व्यक्ति के अतिक्रमण की स्थिति में, तीसरा सहवास के समय दखल और चौथा यदि वह आदमखोर है। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक मामले प्रभाव क्षेत्र में हस्तक्षेप के ही सामने आए हैं। जब भी इन जीवों को लगता है कि उसके अधिकार वाले क्षेत्र में कोई दूसरा अतिक्रमण कर रहा है या करने वाला है तभी हमला करते हैं। यदि ऐसे जीव सामने हों तो घूरने के बजाय सहज भाव से देखें। अगर आप भागे तो वह शिकार समझ लेगा और बैठ गए तो दूसरा जानवर समझेगा। बेहतर है कि उसे देखते हुए बगैर मुड़े पीछे की ओर धीरे-धीरे बढ़ें। यही वजह है कि सुन्दरवन में जाने वाले स्थानीय ग्रामीण सिर के पीछे मुखौटा लगाते हैं।

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बंदर से न मिलाए आंखें वरना करेगा हमला
हम अक्सर बंदर को देखकर उसे भगाने में उससे आंखें मिलाकर उसे उसके अंदाज में देखने लगते हैं। ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि अगर आपने आंख में आंख मिलाकर देखा तो वह 100 फीसदी हमला कर देगा। इसी लिए देश व शहर में अधिकतर ऐसे केस सामने आते हैं कि बंदर ने हमला कर दिया।

मगरमच्छ से सीखें, धैर्य और संयम की ताकत
मगरमच्छ कई घंटे स्थिर रह सकता है, जब उसे विश्वास हो जाता है कि शिकार उसकी मजबूत पकड़ में है तभी हमला करता है। किसी तालाब, नदी किनारे यदि मगरमच्छ पकड़ ले तो उसकी आंख पर तेज हमला करें। इससे उसकी पकड़ कमजोर हो जाएगी और आसानी से बचा जा सकता है। मगरमच्छ के गले में फ्लैप होता है। यदि उसने किसी का हाथ जबड़ों में फंसा लिया हो तो प्रयास करें कि गले के अंदर हाथ से जबड़े की झिल्ली पकड़ने का प्रयास करते रहें। उसे इतना दर्द होगा कि कराह उठेगा और निश्चित ही आपको छोड़ देगा।

रेस्क्यू के दौरान यह ध्यान रखें 

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  • विषखापर में जहर नहीं होता, इसलिए भ्रांति न पाले।
  • अपने देश में जहर वाली छिपकली नहीं पाई जाती है।
  • हाथी हमला करे तो ऊंचाई पर न जाएं और न ही पेड़ पर चढ़ें। हो सके तो तेजी से ढलान की ओर भागें, क्योंकि ढलान पर हाथी संतुलन नहीं बना पाता है।
  • सांपों के इलाकों में लकड़ी का टुकड़ा जमीन पर ठोंकते चलें तो सांप भाग जाएंगे।

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