अर्थ डे: इस ख़ुफ़िया लैब में एक घंटे में रिसाइकिल होते हैं 200 आई फोन

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आज इंटरनेशनल अर्थ डे है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ते इनोवेशन के कारण रोजाना ढेरों डिवाइस और गैजेट बाजार में उतारे जाते हैं। परिणामस्वरूप दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा इकठ्ठा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में दुनियाभर में 44.7 मिलियन मीट्रिक टन ई-वेस्ट इकट्ठा हो चुका है। इससे 21 लाख स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाई जा सकती हैं। इसमें से सिर्फ 20% यानी करीब 8.9 मिलियन मीट्रिक टन ही रीसाइकल हो पाया है।

पर्यावरण के हित में कदम

अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एपल ने ई-वेस्ट को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में कंपनी ने अपनी सीक्रेट लैब के बारे में जानकारी दी है, जिसमें रोजाना एपल के सैकड़ों आईफोन को डिसेंबल और रीसाइकल किया जाता है। इन सबमें उनकी मदद करता है पांच आर्म वाला रोबोट डेजी। यह एक घंटे में 200 आईफोन को डिसेंबल कर उसकी उपयोगी सामग्री को अलग करता है। हालांकि यह कंपनी का पहला रोबोट नहीं है। 2016 में एपल ने रीसाइकल रोबोट लियाम बनाया था, लेकिन डेजी पहले से कहीं ज्यादा एडवांस्ड है।

बेहद खुफिया तरीके से चलाया जा रहा था लैब

एपल द्वारा इस लैब को टैक्सास में संचालित किया जा रहा है। इसे बेहद खुफिया तरीके चलाया किया जा रहा था जिसे बाहर से देखने पर अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता कि अंदर इतनी बड़ी है। इसमें बेहद आम सा दिखने वाला दरवाजा है, जिस पर कोई साइन बोर्ड तक नहीं है। अंदर सीमेंट की सीढ़ियां है जो किसी मॉल के बैक एंट्रेस की तरह लगती है। लैब 9 हजार स्क्वॉयर फीट के क्षेत्रफल में फैली है। लेकिन दरवाजे के अंदर आते ही एक अलग ही दुनिया का सामना होता है। इसमें दुनिया के बेहतरीन रोबोट मौजूद है। यहीं पर एपल का रोबोट डेजी है जो फोन को डिसेंबल करने का काम करता है।

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कैसे काम करता है डेजी रोबोट

डेजी की लंबाई 33 फीट है। इसमें पांच आर्म हैं, जिनकी मदद से यह एक घंटे में 200 आईफोन को डिसेंबल करता है। यह रोबोट 15 तरह के आईफोन मॉडल्स को डिसेंबल कर सकता है, जिसमें 2008 में आए आईफोन 5 से लेकर 2018 में लॉन्च हुआ आईफोन XS भी शामिल है। डेजी फोन में से स्क्रीन, बैटरी, स्क्रू, सेंसर्स, लॉजिक बोर्ड और वायरलेस चार्जिंग कॉइल को फोन के एल्युमीनियम कवर से अलग करता है। कंपनी का कहना है कि डेजी खासतौर पर उन फोन को डिसेंबल और रिसाइकल करता है जिन्हें ग्राहक बेस्ट बाय स्टोर या एपल के ट्रेड इन प्रोग्राम के तहत लौटा जाते हैं। एपल के ट्रेड इन प्रोग्राम के तहत सालाना लगभग 90 लाख डिवाइस कंपनी के पास वापस आती हैं। डेजी रोबोट इसमें से लगभग 12 लाख डिवाइस को डिसेंबल करते हैं। 2018 में कंपनी ने 78 लाख एपल डिवाइस को दोबारा बनाकर बेचा जिससे धरती पर 48 हजार मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा फैलने से बचाया गया।

फोन के अलावा अन्य डिवाइस जैसे लैपटॉप, प्रिंटर और मॉनिटर को डेजी डिसेंबल या रिसाइकल नहीं करता। ये डिवाइस श्रेडर या हथौड़ेनुमा पाउंडर में डालें जाते हैं जहां इसके पार्ट्स को अलग अलग किया जाता है जहां इनके मूल्यवान तत्वों को निकालने के लिए इन्हें तोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में डिवाइस के एलीमेंट्स को मिक्स किया जाता है जिससे वह कम अशुद्ध और कम मूल्यवान हो जाते हैं। बाहर फेंकने से पहले भी इसमें से शिफ्टर और मैग्नेट की मदद से योग्य सामग्रियों को इकठ्ठा करने का प्रयास किया जाता है।

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पर्यावरण संरक्षण के साथ ही बचत भी

रीसाइकलिंग की प्रोसेस से एपल के प्रोडक्ट की लागत तो कम हो ही जाती है वहीं, अन्य कम्प्यूटर और गैजेट निर्माता कंपनी के व्यापार पर इससे काफी असर पड़ता है। इसे एपल की विशाल सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस प्रकिया से सैकड़ों टन एल्यूमीनियम, कोबाल्ट, तांबा, कांच, सोना, लीथियम, कागज, प्लास्टिक, स्टील, टैंटलम, टिन के अलावा मूल्यवान तत्व टंगस्टन, जस्ता और कई अन्य कच्चे माल कंपनी को मिल जाता है, जिसे वो अन्य डिवाइस को बनाने में इस्तेमाल करती है। एपल पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। हाल ही में एपल ने मैकबुक एयर के चेसिस के साथ कुछ आईफोन को 100% रिसाइकल एल्युमीनियम से बनाया था।

कंपनी ने पिछले साल लगभग 218 मिलियन आईफोन की शिपिंग की। संभावना है कि इस साल यह आंकड़ा 1.5 बिलियन तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब यह है कि कंपनी ने दो दशक में इतने फोन बना लिए है जो 13 बार पृथ्वी के चक्कर लगाने के बराबर है।

एपल को पता है कि अन्य कंपनियों के पास उसके जितनी संपत्ति और संसाधन नहीं है। कंपनी ने पिछले फेस्टिव सीजन में 20 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया जबकि कंपनी के पास लगभग 245 बिलियन कैश और इंवेस्टमेंट के रूप में है, यहीं वजह है कि एपल डेजी जैसे रोबोट को बना पाई। एपल डेजी टेक्नोलॉजी को पेटेंट करने पर भी विचार कर रही है।

रिसाइकलिंग और डिसेंबलिंग प्रक्रिया से फोन बनाने की लागत कम करने के लिए कंपनी ने इस टेक्नोलॉजी को अपनाया। आईफोन में 100 से ज्याद तत्व है। इसके बैटरी से कोबाल्ट और टंगस्टन जैसे तत्वों को निकालना कंपनी के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम था जिसके बाद कंपनी ने एपल बैटरी को डेजी रोबोट की मदद से रिसाइकल करना शुरू किया। जिसके बाद अब कोबाल्ट को नए डिवाइस की बैटरी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कंपनी लगभग 11 प्रोडक्ट के लॉजिक बोर्ड की सोल्डरिंग करने की लिए 100% रिसाइकल टिन का उपयोग करती है साथ ही मैकबुक एयर की बॉडी बनाने के लिए 100% रिसाइकल एल्युमीनियम का इस्तेमाल करती है।

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पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दौड़ में सिर्फ एपल ही शामिल है यह कहना सही नहीं होगा। राउंड रॉक बेस्ड कम्प्यूटर बनाने वाली डेल जो तीसरी सबसे बड़ी पीसी मेकर कंपनी है, पैकेजिंग के लिए समुद्र से मिले प्लास्टिक को रिसाइकल कर इस्तेमाल करती है। कंपनी वेस्ट फ्री शिपिंग पैकेजिंग और रिफर्बिशमेंट को भी प्रोत्साहित करती है।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कम्प्यूटर बनाने वाली कंपनी एचपी भी पैकेजिंग के साथ कई प्रोडक्ट बनाने के लिए रिसाइकल प्लास्टिक का उपयोग करती है। दुनिया की सबसे बड़ी कम्प्यूटर बनाने वाले कंपनी लेनोवो भी रिसाइकल प्लास्टिक के इस्तेमाल पर खासा जोर देती है।

दुनिया की सबसे बड़ी फोन निर्माता कंपनी सैमसंग का कहना है कि हमने 28.3 मिलियन मीट्रिक टन प्रोडक्ट को इकठ्ठा किया जिसमें टीवी, रेफ्रिजरेटर शामिल है। उनका कहना है कि भी एपल की तर्ज पर रिसाइकलिंग पर काम कर रहे हैं।

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