13 मिनट तक बिना सांस लिए पानी में रह सकते हैं ये

Spread the love

एक सांस में 70 मीटर गहरे समंदर में उतरना और फिर वहां बिना किसी ऑक्सीजन के करीब 13 मिनट तक मछलियां मारना. विज्ञान अब बाजाओ कबीले के इस रहस्य का राज खोल रहा है.

अंडमान निकोबार और दक्षिण पूर्व एशिया के बाजाओ आदिवासी बिना किसी ऑक्सीजन के समंदर में कई मिनट तक डूबे रहते हैं. उन पर लंबा शोध करने के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जीन में बदलाव के चलते वो ऐसा कर पाते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक बाजाओ कबीले के लोगों की तिल्ली या प्लीहा वक्त के साथ काफी बड़ी हो गई.

पेट में मौजूद तिल्ली शरीर में ऑक्सीजन से समृद्ध लाल रक्त कणिकाओं को स्टोर रखती है. जब जरूरत पड़ती है तब तिल्ली से कणिकाएं निकलती है और पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया कराती हैं. बड़ी तिल्ली के चलते बाजाओ गोताखोरों के शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई ज्यादा हो सकती है. इसके चलते वह काफी देर तक समंदर के अंदर सांस रोक पाने में सफल होते हैं.बाजाओ कबीले के लोगों के जीन ऑक्सीजन की कमी वाले वातावरण के मुताबिक ढल चुके हैं. वैज्ञानिकों ने बाजाओ लोगों की तिल्ली की तुलना, गोताखोरी न करने वाले पड़ोसी सालुआन कबीले से की. इस दौरान पता चला कि बाजाओ लोगों की तिल्ली 50 फीसदी बड़ी है. यह साबित करता है कि कैसे इंसान जेनेटिक रूप से नए किस्म की खुराक और बेहद दुश्वार माहौल का आदी हो जाता है. भले ही वह तिब्बत का बहुत ही ऊंचा इलाका हो या फिर आर्कटिक सर्किट के करीब का ग्रीनलैंड. बाजाओ इस बात के उदाहरण है कि इंसान कैसे जीन संबंधी बदलाव करते हुए संमदर में खाना खोजने वाला बंजारा बन गया.

READ  फेसबुक के नए फीचर से चुनें सिर्फ अपनी पसंद के पोस्ट

बाजाओ कबीले के लोग हर दिन भोजन की तलाश में समंदर में गोता लगाते हैं. आम तौर पर वह बिना किसी ऑक्सीजन के 70 मीटर की गहराई तक जाते हैं. उस गहराई पर वह एक सांस में 13 मिनट तक पैदल चल या फिर तैर सकते हैं. तलहटी में पैदल चलते हुए वे नुकीले बर्छों से शिकार करते हैं. ये गोताखोर अपने रोजमर्रा के कामकाज का 60 फीसदी हिस्सा समंदर के भीतर बिताते हैं. बाजाओ कबीले के लोग इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और भारतीय द्वीप समुदाय अंडमान निकोबार में पाए जाते हैं.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange